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Low Credit Score का Insurance Premium और Job Opportunities पर असर


Low Credit Score का Insurance Premium और Job Opportunities पर असर

आज के समय में क्रेडिट स्कोर सिर्फ़ लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए ही ज़रूरी नहीं रह गया है। धीरे-धीरे इसका असर हमारी ज़िंदगी के कई और पहलुओं पर भी दिखाई देने लगा है। बहुत से लोग सोचते हैं कि “क्रेडिट स्कोर सिर्फ़ बैंक लोन से जुड़ा हुआ है”, लेकिन हक़ीक़त ये है कि कमज़ोर स्कोर आपकी जेब और करियर – दोनों पर बोझ डाल सकता है। खासकर Insurance Premium और Job Opportunities पर इसका असर सीधा देखा जा सकता है।

जब आप कोई बीमा पॉलिसी लेते हैं, चाहे वह हेल्थ इंश्योरेंस हो, टर्म इंश्योरेंस हो या कार इंश्योरेंस – बीमा कंपनियाँ आपके रिस्क लेवल को समझने की कोशिश करती हैं। उनके लिए यह जानना ज़रूरी होता है कि ग्राहक कितना भरोसेमंद है। इसके लिए कई कंपनियाँ आपके क्रेडिट स्कोर को भी ध्यान में रखती हैं। जिनका स्कोर अच्छा होता है, उन्हें कम प्रीमियम पर पॉलिसी मिल जाती है क्योंकि कंपनी मानती है कि वे आर्थिक रूप से ज़िम्मेदार हैं। लेकिन अगर आपका स्कोर कम है तो बीमा कंपनियों को लगता है कि आप जोखिम वाले ग्राहक हो सकते हैं, जिसकी वजह से प्रीमियम ज़्यादा लगाया जाता है। मतलब, एक ही उम्र और हेल्थ प्रोफ़ाइल वाले दो लोगों में अगर एक का स्कोर 780 और दूसरे का 600 है, तो दोनों का Insurance Premium अलग हो सकता है। पहले को ₹10,000 सालाना प्रीमियम देना पड़े तो दूसरे को ₹12,000–15,000 तक देना पड़ सकता है। यानी खराब स्कोर सीधे-सीधे आपकी जेब से अतिरिक्त पैसा निकलवाता है।

अब बात करते हैं जॉब की। बहुत से लोगों को लगता है कि नौकरी पाने का क्रेडिट स्कोर से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। आजकल कई कंपनियाँ, खासकर बैंकिंग, फाइनेंस, इंश्योरेंस और मल्टीनेशनल सेक्टर में भर्ती से पहले candidate का credit history चेक करती हैं। इसका कारण सीधा है – अगर किसी का क्रेडिट स्कोर बहुत कम है तो इसका मतलब हो सकता है कि वह व्यक्ति आर्थिक रूप से अनुशासित नहीं है या उस पर बहुत ज्यादा कर्ज है। ऐसे में कंपनी को डर रहता है कि वह ईमानदारी से काम नहीं करेगा या financial stress में गलत निर्णय ले सकता है। इसलिए कई बार अच्छे प्रोफेशनल स्किल्स होने के बावजूद low credit score नौकरी पाने में रुकावट बन जाता है।

यह असर सिर्फ़ हाई-प्रोफ़ाइल नौकरियों तक सीमित नहीं है। कुछ कंपनियाँ बैकग्राउंड वेरिफिकेशन में भी candidate की financial credibility देखती हैं। खासकर senior positions, finance handling roles या sensitive departments में यह और भी common है। मान लीजिए कोई व्यक्ति बैंक में job के लिए apply करता है और उसका स्कोर 580 है, तो बैंक यह सोच सकता है कि candidate खुद ही अपने पैसों को सही से manage नहीं कर पा रहा, तो वह ग्राहकों के पैसे को कैसे संभालेगा? ऐसे cases में selection मुश्किल हो जाता है।

इस तरह देखा जाए तो low credit score आपकी financial life को दोहरी मार देता है। एक तरफ़ यह आपके Insurance Premium बढ़ा देता है और दूसरी तरफ़ नौकरी के मौके भी कम कर देता है। अच्छी health और सही skills के बावजूद आप सिर्फ़ खराब स्कोर की वजह से नुकसान उठा सकते हैं। इसलिए क्रेडिट स्कोर को सिर्फ़ loan approval के नज़रिए से देखना गलत है। यह आज आपकी financial image का सबसे अहम हिस्सा है।

अगर आपका स्कोर कम है तो इसे सुधारना ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए। समय पर EMI भरना, क्रेडिट कार्ड का बिल पूरा चुकाना, unnecessary loan applications से बचना और credit utilization को 30% से कम रखना – ये चार साधारण कदम आपके स्कोर को धीरे-धीरे मजबूत बना सकते हैं। याद रखिए, अच्छा स्कोर न केवल पैसे बचाता है बल्कि आपको career और life दोनों में better opportunities दिलाने का रास्ता खोलता है।

👉 आखिर में कहा जा सकता है कि low credit score आपकी जेब से भी पैसा निकलवाता है और आपके करियर की राह में भी रोड़े अटका सकता है। इसलिए इसे हल्के में लेना सबसे बड़ी गलती होगी।

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