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EMI on Electronics/Vehicle Loan – Credit Score कैसे असर डालता है?

EMI on Electronics/Vehicle Loan – Credit Score कैसे असर डालता है?



आज की आधुनिक लाइफस्टाइल में इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स और व्हीकल्स हमारे लिए सिर्फ़ ज़रूरत ही नहीं बल्कि सुविधा और आराम का हिस्सा बन गए हैं। टीवी, फ्रिज, मोबाइल, लैपटॉप जैसी चीज़ें हों या फिर कार और बाइक, हर कोई इन्हें EMI पर लेना पसंद करता है क्योंकि एकमुश्त पैसे देना मुश्किल होता है। EMI का सबसे बड़ा फायदा यही है कि आप महंगे प्रोडक्ट्स को आसान किस्तों में चुका सकते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि EMI approval और EMI की शर्तों पर सबसे ज़्यादा असर किस चीज़ का पड़ता है? जी हाँ, आपका Credit Score

जब आप किसी इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट या व्हीकल के लिए EMI पर apply करते हैं तो बैंक या NBFC सबसे पहले आपकी repayment क्षमता चेक करता है। ये क्षमता सीधे तौर पर आपके क्रेडिट स्कोर से पता चलती है। अगर आपका स्कोर 750+ है तो आपको आसानी से 0% या बहुत कम ब्याज दर पर EMI मिल जाती है और approval भी तुरंत हो जाता है। वहीं अगर आपका स्कोर 600 से कम है तो EMI का approval मुश्किल हो सकता है, और अगर मिलता भी है तो ब्याज दर ज़्यादा होगी और down payment भी ज़्यादा देनी पड़ सकती है।

Credit Score EMI पर इसलिए असर डालता है क्योंकि यह lender के लिए आपके व्यवहार का रिपोर्ट कार्ड होता है। अगर आपने पहले के loans या credit cards समय पर भरे हैं तो lender को भरोसा होता है कि आप आगे भी EMI समय पर भरेंगे। लेकिन अगर आपके record में delays या defaults हैं तो बैंक को risk ज़्यादा लगता है, और यही risk EMI की लागत बढ़ा देता है। कई बार कमज़ोर स्कोर की वजह से EMI facility ही नहीं मिलती और आपको cash payment करनी पड़ती है।

Electronics loan और vehicle loan में एक और बड़ा factor है loan की amount और tenure। उदाहरण के लिए अगर आप ₹70,000 का मोबाइल phone EMI पर लेना चाहते हैं तो अच्छे स्कोर पर 12 महीनों की EMI बिना ब्याज भी मिल सकती है। लेकिन वही मोबाइल अगर आप low score पर लेना चाहें तो आपको 24% तक का interest rate देना पड़ सकता है। इसी तरह car loan या bike loan में भी अच्छे स्कोर वाले व्यक्ति को कम ब्याज, ज़्यादा tenure और आसान approval मिलता है। खराब स्कोर वाले को ज़्यादा documents, high down payment और कभी-कभी guarantor की ज़रूरत पड़ती है।

असल ज़िंदगी के उदाहरणों में देखा गया है कि एक ही मॉडल की बाइक लेने वाले दो दोस्तों में अगर एक का score 780 और दूसरे का 610 है, तो दोनों की EMI और interest rates में बड़ा फर्क पड़ सकता है। पहला व्यक्ति ₹3,000 मासिक EMI पर bike ले सकता है जबकि दूसरे को ₹3,700–4,000 तक EMI देनी पड़ सकती है। यानी loan amount वही है, product वही है, लेकिन credit score ने कुल repayment cost बदल दी।

इसलिए electronics और vehicle loans के लिए EMI चुनने से पहले हमेशा अपना score चेक करना चाहिए। अगर आपका score अच्छा नहीं है तो पहले उसे सुधारना बेहतर है क्योंकि EMI पर लिया गया loan सीधा आपके monthly budget और long-term financial health को प्रभावित करता है। समय पर EMI चुकाना, credit utilization को control में रखना और unnecessary loan applications से बचना ही score को stable रखने का सबसे अच्छा तरीका है।

👉 अंत में कहा जा सकता है कि electronics या vehicle loan EMI की आसान शर्तें सिर्फ़ उन लोगों को मिलती हैं जिनका credit score मजबूत होता है। अच्छा score आपको न सिर्फ़ कम EMI दिलाता है बल्कि आपकी financial freedom भी बढ़ाता है, जबकि कमजोर score आपकी जेब पर बोझ डाल सकता है।


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