Credit Score कैसे Calculate होता है? (Factors in detail)

जब भी हम बैंक या NBFC से लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करते हैं, वे सबसे पहले हमारा क्रेडिट स्कोर देखते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि यह स्कोर बस "EMI समय पर भरने" से बनता है, लेकिन असलियत में इसके पीछे कई फैक्टर्स काम करते हैं। चलिए हर फैक्टर को विस्तार से समझते हैं।
परिभाषा (Definition)
क्रेडिट स्कोर को Calculate करने का काम CIBIL, Experian, CRIF Highmark और Equifax जैसी क्रेडिट ब्यूरो कंपनियाँ करती हैं। ये आपके वित्तीय इतिहास से जुड़े कई डेटा पॉइंट्स को मिलाकर एक स्कोर निकालती हैं।
महत्व (Importance)
किसी भी व्यक्ति की वित्तीय विश्वसनीयता (Financial Trustworthiness) को आंकने के लिए बैंक और लेंडर्स इस स्कोर पर भरोसा करते हैं। अगर वे सिर्फ आपकी सैलरी स्लिप या बैंक स्टेटमेंट पर निर्णय लें, तो धोखाधड़ी और रिस्क बढ़ेगा। लेकिन क्रेडिट स्कोर उन्हें एक साफ और न्यूट्रल तस्वीर देता है।
क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करने वाले प्रमुख फैक्टर्स
1. Payment History (भुगतान इतिहास) – 35%
यह सबसे महत्वपूर्ण फैक्टर है। आपने अब तक जितने लोन और क्रेडिट कार्ड लिए, उन पर समय पर EMI और बिल चुकाए या नहीं, इसकी पूरी हिस्ट्री रखी जाती है।
- On-time Payment → स्कोर बढ़ता है
- Late Payment / Default → स्कोर गिरता है
- एक भी EMI छूटने से 50–100 पॉइंट तक स्कोर गिर सकता है।
2. Credit Utilization Ratio – 30%
यह आपके क्रेडिट कार्ड लिमिट और उसके इस्तेमाल का अनुपात है।
- अगर आपके कार्ड की लिमिट ₹1,00,000 है और आप हर महीने ₹90,000 इस्तेमाल करते हैं, तो आपका Utilization Ratio 90% है – जो बहुत खराब है।
- Ideal Ratio → 30% से कम
- इससे लेंडर्स को लगता है कि आप जिम्मेदारी से क्रेडिट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
3. Length of Credit History – 15%
आप कितने समय से क्रेडिट इस्तेमाल कर रहे हैं, यह भी अहम है।
- 8–10 साल पुरानी Credit History वाले व्यक्ति का स्कोर स्थिर और मजबूत रहता है।
- अगर आप हर बार पुराना कार्ड बंद कर देते हैं तो हिस्ट्री कट जाती है और स्कोर पर बुरा असर पड़ता है।
4. Credit Mix – 10%
आपने किस तरह के लोन लिए हैं – यह भी महत्वपूर्ण है।
- अगर सिर्फ Personal Loan और Credit Card है, तो स्कोर कमजोर दिखेगा।
- अगर आपके पास Home Loan, Car Loan और Credit Card जैसे Mix Loans हैं, तो स्कोर मजबूत होता है। 👉 यानी Secure Loan + Unsecure Loan का संतुलन अच्छा होना चाहिए।
5. New Credit Inquiries – 10%
हर बार जब आप नया लोन या कार्ड अप्लाई करते हैं, बैंक “Hard Inquiry” करता है।
- बहुत ज़्यादा Hard Inquiry = स्कोर गिरना।
- साल में 2–3 बार अप्लाई करना ठीक है, लेकिन 6–7 बार लगातार अप्लाई करने से स्कोर 40–50 पॉइंट तक गिर सकता है।
फायदे और नुकसान
अगर फैक्टर्स का सही संतुलन रखा:
- स्कोर 750+ बना रहेगा
- लोन आसानी से मंज़ूर होंगे
- ब्याज दरें कम मिलेंगी
अगर फैक्टर्स की अनदेखी की:
- EMI Default = स्कोर तुरंत गिरना
- High Utilization = Over-dependence दिखाना
- बार-बार Inquiry = रिस्क बढ़ाना
वास्तविक उदाहरण
सोनाली के पास 2 क्रेडिट कार्ड और 1 Car Loan है।
- उसने पिछले 3 सालों में कभी EMI मिस नहीं की (Strong Payment History)।
- उसका Card Utilization 25% से कम रहता है।
- उसके पास 6 साल पुरानी Credit History है। 👉 उसका स्कोर 810 है।
वहीं राजेश ने 3 बार लोन की EMI मिस की और हर महीने कार्ड लिमिट का 80% इस्तेमाल करता है। 👉 उसका स्कोर सिर्फ 610 रह गया।
Tips/Steps: स्कोर बेहतर रखने के लिए
- EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएँ
- कार्ड का इस्तेमाल 30% से कम रखें
- पुराना कार्ड बंद न करें
- Unsecured Loans पर निर्भर न रहें
- साल में 1–2 बार ही नया लोन अप्लाई करें
- Free में Score Check करते रहें
FAQ Section
प्रश्न 1: क्या एक बार EMI मिस करने से स्कोर हमेशा खराब हो जाएगा?
उत्तर: नहीं, लेकिन असर 2–3 साल तक रह सकता है।
प्रश्न 2: क्रेडिट स्कोर कितने समय में Update होता है?
उत्तर: हर महीने ब्यूरो अपडेट करते हैं।
प्रश्न 3: क्या Loan Prepayment करने से स्कोर बढ़ता है?
उत्तर: हाँ, लेकिन मामूली असर होता है। सबसे अहम फैक्टर समय पर भुगतान ही है।
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Quick Recap Table
फैक्टर | वज़न | महत्व |
---|---|---|
Payment History | 35% | सबसे अहम, EMI समय पर |
Utilization Ratio | 30% | 30% से कम रखें |
Length of History | 15% | पुरानी हिस्ट्री न मिटाएँ |
Credit Mix | 10% | Secure + Unsecure दोनों |
New Inquiries | 10% | बार-बार अप्लाई न करें |
Infographic (Credit Score Factors)
- Payment History – 35%
- Credit Utilization – 30%
- Length of Credit History – 15%
- Credit Mix – 10%
- New Credit Inquiries – 10%
Poll
👉 आपके हिसाब से Credit Score में सबसे बड़ा रोल किस फैक्टर का है?
- Payment History
- Utilization Ratio
- Length of History
Case Study
अजय का स्कोर 620 था क्योंकि वह बार-बार कार्ड Max-Out कर देता था। उसने Utilization 30% से कम रखा और EMI कभी डिले नहीं की। 6 महीने बाद उसका स्कोर 720 हो गया।
Tools Review
भारत में 5 टूल्स जहाँ आप Detailed Factor Analysis देख सकते हैं:
- CIBIL MyScore
- Paisabazaar Credit Score Report
- BankBazaar Free Report
- Experian Credit Tracker
- ZET Credit Builder Dashboard
Latest News
2025 में RBI ने निर्देश दिया है कि अब हर बैंक को ग्राहकों को क्रेडिट रिपोर्ट के मुख्य फैक्टर्स साफ़-साफ़ बताने होंगे ताकि लोग समझ सकें कि उनका स्कोर क्यों गिरा या बढ़ा।
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