Credit Score Myths vs Facts – लोग किन गलतफहमियों में रहते हैं?
आज भी भारत में लाखों लोग क्रेडिट स्कोर को लेकर कई तरह की गलतफहमियों में जी रहे हैं। कुछ सोचते हैं कि लोन नहीं लेंगे तो स्कोर अपने आप अच्छा रहेगा, तो कोई मानता है कि बार-बार स्कोर चेक करने से यह गिर जाता है। इन मिथ्स के कारण लोग न सिर्फ़ सही जानकारी से वंचित रहते हैं बल्कि कई बार अपनी फाइनेंशियल लाइफ़ को भी नुकसान पहुँचा लेते हैं। तो चलिए जानते हैं असली सच्चाई –
परिभाषा (Definition)
क्रेडिट स्कोर को लेकर मिथ (Myths) वे धारणाएँ हैं जो लोग सच मान लेते हैं लेकिन वे गलत होती हैं। जबकि फैक्ट (Facts) असली स्थिति बताते हैं कि स्कोर कैसे काम करता है और किन बातों से यह प्रभावित होता है।
महत्व (Importance)
अगर किसी को मिथ और फैक्ट का अंतर पता नहीं है तो वह गलत कदम उठा सकता है।
उदाहरण: अगर कोई सोचता है कि “स्कोर चेक करने से स्कोर गिरता है”, तो वह अपना स्कोर सालों तक चेक ही नहीं करेगा और जब ज़रूरत पड़ेगी तब उसे असली स्थिति का अंदाज़ा ही नहीं होगा।
इसलिए इन गलतफहमियों को तोड़ना ज़रूरी है।
आम मिथ्स और उनके पीछे की सच्चाई
मिथ 1: बार-बार अपना स्कोर चेक करने से स्कोर गिरता है
फैक्ट: जब आप खुद स्कोर चेक करते हैं तो यह Soft Inquiry कहलाता है और इसका स्कोर पर कोई असर नहीं होता। स्कोर केवल तभी गिरता है जब बैंक या NBFC बार-बार आपके लिए Hard Inquiry करते हैं।
मिथ 2: लोन न लेने से स्कोर अच्छा रहेगा
फैक्ट: असल में अगर आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री ही नहीं है तो स्कोर बनता ही नहीं। बिना हिस्ट्री के स्कोर “NA” या “-1” दिखता है, और बैंक ऐसे ग्राहकों को रिस्क मानते हैं।
मिथ 3: पुराना क्रेडिट कार्ड बंद करने से स्कोर बेहतर होता है
फैक्ट: पुराने कार्ड में आपकी लंबी क्रेडिट हिस्ट्री जुड़ी होती है। इसे बंद करने से आपकी हिस्ट्री कट जाती है और स्कोर गिर सकता है। इसलिए पुराना कार्ड इस्तेमाल कम करें लेकिन बंद न करें।
मिथ 4: केवल सैलरी ज़्यादा होने से स्कोर अच्छा रहेगा
फैक्ट: आपकी सैलरी का क्रेडिट स्कोर से कोई सीधा संबंध नहीं है। स्कोर पूरी तरह इस पर निर्भर करता है कि आप लोन और क्रेडिट का इस्तेमाल और भुगतान कैसे करते हैं।
मिथ 5: Minimum Due भरना काफी है
फैक्ट: हर महीने क्रेडिट कार्ड पर सिर्फ़ Minimum Due भरने से ब्याज बढ़ता रहता है और स्कोर पर भी बुरा असर पड़ता है। पूरा बकाया चुकाना ही सही तरीका है।
मिथ 6: EMI एक-दो दिन लेट हो जाए तो फर्क नहीं पड़ता
फैक्ट: क्रेडिट ब्यूरो हर लेन-देन रिकॉर्ड करते हैं। EMI लेट होने से तुरंत स्कोर गिरता है, और यह रिकॉर्ड सालों तक आपकी रिपोर्ट में रहता है।
मिथ 7: ज़्यादा क्रेडिट कार्ड रखने से स्कोर गिरता है
फैक्ट: कार्ड की संख्या नहीं बल्कि उनका इस्तेमाल मायने रखता है। अगर आप 3–4 कार्ड लेते हैं और सभी का लिमिट सही तरह से इस्तेमाल करते हैं, तो स्कोर मजबूत ही होगा।
फायदे और नुकसान
मिथ्स पर विश्वास करने के नुकसान:
- गलत फाइनेंशियल डिसीज़न
- स्कोर गिरना
- लोन रिजेक्शन
- ब्याज दरें बढ़ना
फैक्ट्स जानने के फायदे:
- सही समय पर सही कदम
- स्कोर सुधारना आसान
- लोन आसानी से मिलना
- ब्याज दरें कम
वास्तविक उदाहरण
मिथ मानने वाला:
सुरेश सोचता था कि "स्कोर चेक करने से स्कोर गिरता है", इसलिए उसने 3 साल तक कभी स्कोर चेक ही नहीं किया। बाद में जब उसे होम लोन चाहिए था, तब पता चला कि उसका स्कोर सिर्फ़ 590 है और वह लोन लेने के लिए तैयार ही नहीं था।
फैक्ट जानने वाला:
वहीं अनीता हर 3 महीने में Free Credit Report चेक करती थी। उसे जब भी कोई छोटा डिफ़ॉल्ट दिखा, उसने तुरंत सुधार लिया। आज उसका स्कोर 780 है और उसे पर्सनल लोन 9.5% ब्याज पर मिल रहा है।
Tips/Steps
- हर 3–6 महीने में अपना स्कोर चेक करें
- पुराना कार्ड बंद न करें
- EMI और कार्ड बिल कभी लेट न करें
- केवल उतना ही लोन लें जितना ज़रूरी हो
- Minimum Due पर भरोसा न करें
FAQ Section
प्रश्न 1: क्या शादी के बाद पति-पत्नी का स्कोर आपस में जुड़ जाता है?
उत्तर: नहीं, दोनों का स्कोर अलग-अलग रहता है।
प्रश्न 2: क्या Cash Loan लेने से स्कोर बढ़ता है?
उत्तर: नहीं, केवल बैंकिंग चैनल से लिए गए लोन ही रिपोर्ट में दर्ज होते हैं।
प्रश्न 3: क्या Pre-Approved Offer लेने से स्कोर गिरता है?
उत्तर: नहीं, ये ऑफ़र Soft Inquiry पर आधारित होते हैं।
CTA
Quick Recap Table
मिथ | सच्चाई |
---|---|
स्कोर चेक करने से स्कोर गिरता है | खुद चेक करने से असर नहीं पड़ता |
लोन न लेने से स्कोर अच्छा रहेगा | बिना हिस्ट्री स्कोर बनता ही नहीं |
पुराना कार्ड बंद करने से स्कोर सुधरेगा | पुराना कार्ड बंद करने से स्कोर गिरता है |
Infographic
Top Myths vs Facts About Credit Score
- Myth: Minimum Due भरना काफी है → Fact: पूरा बकाया भरें
- Myth: EMI लेट होने से फर्क नहीं पड़ता → Fact: स्कोर तुरंत गिरता है
- Myth: ज़्यादा कार्ड से स्कोर गिरता है → Fact: सही इस्तेमाल करने से स्कोर मजबूत होता है
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👉 आपको कौन-सा Myth पहले सच लगता था?
- स्कोर चेक करने से स्कोर गिरता है
- लोन न लेने से स्कोर अच्छा रहेगा
- Minimum Due भरना काफी है
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📌 कल पढ़ें: “Credit Score क्यों गिरता है और इसे बचाने के आसान उपाय”
Case Study
अर्जुन को लगता था कि पुराना कार्ड बंद करने से स्कोर सुधरेगा। उसने अपना पहला कार्ड बंद कर दिया और उसका स्कोर 40 पॉइंट गिर गया। बाद में उसने ZET Credit Builder Membership ली, ग़लतियों को सुधारा और 7 महीनों में स्कोर 780 तक पहुंचा।
Tools Review
भारत में टॉप टूल्स जो आपको Myth-Busting Insights दिखाते हैं:
- CIBIL Report (Detailed Section)
- Experian Insights
- BankBazaar Score Analysis
- Paisabazaar Myths vs Facts Section
- ZET Credit Builder Dashboard
Latest News
RBI ने हाल ही में निर्देश दिया है कि सभी बैंकों को ग्राहकों को क्रेडिट स्कोर और उसके मुख्य फैक्टर्स साल में कम से कम एक बार मुफ्त में उपलब्ध कराने होंगे। इससे लोगों को अपने मिथ्स तोड़ने और असली स्थिति जानने में मदद मिलेगी।
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